जल्द शुरू होगा इस ट्रेक पर सफर, उज्जैन के यात्रियों को मिलेगी सौगात

Ujjain News: इस माह शुरू हो सकती है उज्जैन-फतेहाबाद ट्रेन, करीब एक वर्ष से चल रही रेल परियोजना, इंदौर की दूरी और किराया होगा कम, डेढ़ दर्जन गांवों को मिलेगा लाभ

उज्जैन. रेल मंडल में करीब एक वर्ष से चल रही उज्जैन-फतेहाबाद रेल परियोजना इसी माह पूरी होने वाली है। इसके लिए कार्य अंतिम दौर में चल रहा है। मंडल के अधिकारियों ने पश्चिम रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त को बुलाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा सबसे पहले इस सेक्शन में मालगाड़ी को चलाने की योजना बना ली है। इस सेक्शन में ट्रेन चलने से डेढ़ दर्जन गांव के हजारों ग्रामीणों को लाभ होगा।

22.96 किमी लंबी फतेहाबाद उज्जैन रेल लाइन के लिए रेलवे ने 104 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। समय के साथ इसकी लगात बढ़कर 245 करोड़ रुपए हो गई। इस रेल लाइन के पूरे होने से आसपास के करीब एक दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों को लाभ होगा। वर्ष 2017-18 में मंजूर इस योजना के लिए कुल 4.948 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया था।

 

इस तरह चला योजना का कार्य

उज्जैन-फतेहाबाद रेल खंड के बीच 22 किमी हिस्से में ब्रॉडगेज का काम पूरा हो गया है। इस रेल पथ पर मध्यम श्रेणी की तीन पुलिया और कुछ कल्वर्ट के आधार तैयार सबसे पहले किए गए। पथ पर अर्थ वर्क का कार्य इसके बाद हुआ। इसके लिए पटरियों के साथ लगने वाली स्लीपर्स और गिट्टी (बोल्डर पत्थर) पहुंचाए गए। पुलिया, आवश्यक कल्वर्ट और अर्थ वर्क बेस पूर्ण होने के बाद लाइन का काम शुरू हुआ। चिंतामण में करीब 10 करोड़ रुपए की लगात से स्टेशन भवन बनाया गया तो एक अन्य रेलवे स्टेशन भी बना।

 

इस तरह होगा योजना से लाभ

– रतलाम से उज्जैन के लिए नया ट्रैक मिलेगा।

– इंदौर-उज्जैन के बीच दूरी कम हो जाएगी। इससे जहां समय बचेगा, वहीं किराया भी कम लगेगा।

– इंदौर से ट्रेन देवास होकर उज्जैन जाती है। यह दूरी 80 किमी है। उज्जैन-फतेहाबाद दूरी करीब 62 किमी है।

– ब्रॉडगेज का कार्य पूर्ण होने के बाद इंदौर-उज्जैन के बीच दूरी करीब 18 किमी कम हो जाएगी।

– इसी के साथ उक्त मार्ग के करीब 18 गांव रेल सेवा से जुड़ जाएंगे।

– सबसे ज्यादा लाभ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को होगा।

– मीटरगेज टै्रक के दौरान रेल के जरिए दूध, मावा, सब्जी अन्य कई जरूरी वस्तुएं उज्जैन-इंदौर तक आती-जाती थी।

– टै्रक बंद होने से इसके लिए सड़क परिवहन का माध्यम ही रह गया, जो असुविधाजनक है।

– उज्जैन, इंदौर, देवास के बीच रेलमार्ग का सर्किल भी बन जाएगा।

– उज्जैन में भोपाल जाने वाली ट्रेनों के इंजन की दिशा भी नहीं बदलना होगी।

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